For Betterment Of IFTDA Vote For Ashfaque Khopekar Group
दोस्तों
बुरे कर्मों का बुरा नतीजा यह कहावत नहीं हकीकत है। असिस्टेंट डायरेक्टर के हक़ की लड़ाई लड़ने 1959 में बनायी गयी असोसिएशन इफटडा आज वही काम छोड़कर किसी डिक्टेटर का अड्डा बन चुकी है। मानो न मानो यह हकीकत है कभी इफटडा ऑफिस आकर आजमालो। इफटडा मे अध्यक्ष अशोक पंडित के पर्सनल और सोसायटी के काम हो रहे हैं मेम्बर्स के लिए बनायी हुए लायब्रेरी में मेम्बर जा नहीं सकते। मनमानी तरीके से हमारी असोसिएशन का फंड का इस्तेमाल हो रहा है । मेम्बर्स की सारी सुविधाओं को खत्म कर दिया है।
दोस्तों इस मौके को हाथ से जाने जाने न दो इफटडा को मेम्बर्स की बनाना जरूरी है।डीक्टेटरशिप खत्म करनी जरूरी हैं।
मैं उम्मीद करता हु आप आप के अपने आशफाक खोपेकर ग्रुप को इफटडा मेम्बर्स के इंसाफ की लड़ाई में स्पोर्ट जरुर करोंगे
धन्यवाद
आशफाक खोपेकर
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on 15 Dec 2024
10am to 6 pm
Agenda:
* Impartial Medical Aid to all IFTDA Members
* Govt. Recognised Cine Workers Welfare Fund card for eligible Members
* Voicing for de-activated long standing members.
* Amendments of dictatorial clauses added in constitution.
* Helping unemployed Asst. Director & Director Members to get work.
IFTDA (Indian Film And Television Director Association) ELECTIONS On 15th Dec. 2024
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